जबलपुर। आज मंगलवार को माँ नर्मदा तट ग्वारीघट पर पूज्य महाराज शिव शंकर जी के अवतरण दिवस पर विश्व कल्याण हेतु शतचांडी पाठ 21आचार्य द्वारा किया गया जिसके बाद हवन कन्या भोजन कराया गया इस अवसर पर आचार्य रामफल शुक्ल जी , पंडित संतोष शास्त्री आदि रहे जिसमे ज्योतिषाचार्य डॉ.अर्जुन पाण्डेय ने बताया की एकादशी के बाद चातुर्मास प्रारंभ हो रहा है और माँ की आराधना सभी का कल्याण हो और विश्व मे सुख शान्ति बनी रहेव्रत, भक्ति और शुभ कर्म के 4 महीने को हिन्दू धर्म में ‘चातुर्मास’ कहा गया है। ध्यान और साधना करने वाले लोगों के लिए ये माह महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्थिति तो सही होती ही है, साथ ही वातावरण भी अच्छा रहता है। चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है।
उक्त 4 माह को व्रतों का माह इसलिए कहा गया है कि उक्त 4 माह में जहां हमारी पाचनशक्ति कमजोर पड़ती है वहीं भोजन और जल में बैक्टीरिया की तादाद भी बढ़ जाती है। उक्त 4 माह में से प्रथम माह तो सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। इस संपूर्ण माह व्यक्ति को व्रत का पालन करना चाहिए।